विवाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा

विवाह का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
Bilaspur News/NHT । माननीय न्यायालय ने आरोपी अशोक राजवाड़े को विवाह का झांसा देकर दैहिक शोषण करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने पीड़िता को धोखे में रखकर तीन साल तक शारीरिक शोषण किया और खुद को उसका पति बताकर विभिन्न तरीकों से उसे जकड़े रखा।
इस दौरान, आरोपी की पूर्व पत्नियों के बयान और आरोपियों का पूर्व आपराधिक इतिहास मुख्य साक्ष्य बने, जिससे न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ कड़ा फैसला सुनाया।
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मामला क्या है?
पीड़िता के अनुसार, आरोपी अशोक राजवाड़े ने उसे प्रेम का झांसा देकर विवाह करने का वादा किया था। बाद में, उसने नोटरी के माध्यम से एक इकरारनामा तैयार कर उसे अपनी पत्नी बताया और तीन साल तक शारीरिक शोषण किया। जब पीड़िता को यह जानकारी मिली कि आरोपी पहले से शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है, तो उसने इसका विरोध किया। आरोपी ने इसका विरोध करने पर पीड़िता को मारपीट किया और जान से मारने की धमकी दी।
साक्ष्य और कार्रवाई
प्राथमिक जांच में, आरोपी के दो पूर्व पत्नियों ने भी साक्षी के रूप में बयान दिए, जिन्होंने आरोपी के असामाजिक कृत्य और उसके धोखाधड़ी के तरीकों का खुलासा किया। इस साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास और 25000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- आरोपी ने पहले भी दो अन्य महिलाओं से विवाह किया था और उन्हें छोड़ दिया था, जो अब न्यायालय में साक्षी के रूप में प्रस्तुत किए गए थे।
- इकरारनामा और आरोपी के पूर्व कृत्यों के आधार पर उसे दोषी ठहराया गया।
- पीड़िता की स्वच्छ अंतःकरण से दी गई सहमति के बावजूद आरोपी के द्वारा छलपूर्वक यह सब किया गया।
कानूनी प्रक्रिया और सजा
इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण बिंदु यह रहा कि पीड़िता ने जो इकरारनामा और सहमति दी, वह धोखाधड़ी का हिस्सा थी। माननीय विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा और जुर्माना लगाया है। पुलिस चौकी सीएसईबी के तत्कालीन प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू और आरक्षक देवनारायण कुर्रे ने विवेचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस मामले ने यह साबित कर दिया कि ऐसे मामलों में साक्ष्य की प्रस्तुति और आरोपी के पिछले अपराधों का इतिहास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। न्यायालय ने इस मामले में आरोपी को सख्त सजा दी है, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।