Agriculture

मंडी में तौल पर हुआ बवाल, किसानों ने किया जाम, जानिए क्यों

किसानों ने समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीद के लिए मंडी में 70 से ज्यादा टोकन बनवाने के बाद बड़ी संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉलियां भेजीं। लेकिन समिति के कर्मचारियों ने सोयाबीन की नमी ज्यादा होने का हवाला देकर तौलने से मना कर दिया। इससे किसानों में असंतोष फैल गया। लगभग 11 बजे, किसानों ने मंडी के मुख्य द्वार पर सोयाबीन से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियां खड़ी करके जाम लगा दिया, जिससे मंडी के अंदर और बाहर सारे वाहन फंस गए।

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सोमवार को खानपुर कृषि उपज मंडी में क्रय विक्रय सहकारी समिति के सरकारी कांटों पर खरीद का काम रुका रहा। किसान तब तक अपनी मांगों पर अड़े रहे जब तक तौल शुरू नहीं हुआ। जैसे ही 70 से अधिक किसानों के टोकन बन गए, कई ट्रैक्टर ट्रॉलियां मंडी में आईं। फिर कर्मचारियों ने सोयाबीन में नमी ज्यादा होने का कारण बताते हुए तौल किया जाने से मना कर दिया। इससे किसानों में नाराजगी बढ़ गई।

इस समस्या की जानकारी मिलने पर पूर्व मंडी चेयरमैन मोतीलाल नागर, शिवराजसिंह गुर्जर, और तहसीलदार इन्द्रजीतसिंह चौहान पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बात की, लेकिन किसान अपने सोयाबीन की तौल कराने पर अड़े रहे।

क्रय विक्रय सहकारी समिति के प्रबंधक, अखिलेश वैष्णव ने बताया कि उनके द्वारा खरीदी गई सोयाबीन को अधिक नमी बताकर वेयरहाउस में जमा करने नहीं दिया जा रहा है। जब उन्होंने जमा करने की कोशिश की, तो अनधिकृत कटौती करने की बात कही गई। उन्होंने यह भी बताया कि मंडी में तौल के समय आद्रता मीटर में 9 प्रतिशत तक नमी दिखाई जाती है, जबकि वेयरहाउस में जाने पर ये आंकड़े 18 प्रतिशत बताकर कटौती की जा रही है।

समिति के पास अब मंडी में 6000 से ज्यादा सोयाबीन के कट्टों का स्टॉक है। तहसीलदार ने डूण्डी वेयरहाउस के मैनेजर एसएन मीणा को बुलाकर किसानों की तौल करने के लिए निर्देश दिए। इसके बाद, मैनेजर ने किसानों के ट्रॉलियों से सैंपल ले लिए और पास कर दिए।

किसानों का कहना है कि पहले उनके सैंपल को कचरा बताकर फेल किया जाता था, और अब जब वे सोयाबीन की ग्रेडिंग करके लाते हैं, तो नमी ज्यादा बताकर उन्हें गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।

सोमवार को, 70 से अधिक किसानों के टोकन के लिए लगभग 2500 क्विंटल सोयाबीन खरीदने की योजना थी। समिति ने 15 जनवरी तक खरीद करने की बात कही है। ऐसे में खुली नीलामी और समर्थन मूल्य के बीच का अंतर किसानों को सरकारी खरीद केन्द्र पर सोयाबीन तौल कराने के लिए प्रेरित कर रहा है।

अब तक 2605 टोकन काटे जा चुके हैं, जिसमें 1905 किसानों को मैसेज भेजे जा चुके हैं। 995 टोकन का 24,691 क्विंटल सोयाबीन तौल किया गया है, और इसका 13.54 करोड़ का भुगतान किसानों के खातों में किया गया है। समिति 15 जनवरी तक सरकारी खरीद करती रहेगी।

Sanjay Chauhan

" मै एक अनुभवी न्यूज़ राइटर और पत्रकार हूं, जो पिछले 15/17 वर्षों से हर तरह की खबरें कवर कर रहा हूं। सटीकता, निष्पक्षता, और सरल भाषा में तथ्य प्रस्तुत करना मेरी विशेषता है। मेरी लेखनी का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और समाज की आवाज़ बनना है।"

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