क्या बागेश्वर धाम की ‘बागेश्वर सेना’ हिंदू धर्म की रक्षा में कर पाएगी चमत्कार? जानिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा ऐलान!
धर्मांतरण पर रोक के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का अहम कदम: बागेश्वर सेना की शुरुआत
भारत में धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने धर्म परिवर्तन को रोकने और सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत वह ‘हनुमान चालीसा बागेश्वर सेना’ की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस सेना के माध्यम से वह देशभर के आदिवासियों को जोड़कर उन्हें सनातन धर्म के महत्व से अवगत कराएंगे।
बागेश्वर सेना का उद्देश्य:
पंडित शास्त्री का कहना है कि बागेश्वर सेना का उद्देश्य उन आदिवासियों को जागरूक करना है जो धर्म परिवर्तन के प्रभाव में आकर अपने मूल धर्म से दूर हो जाते हैं। यह सेना उन्हें यह समझाने का काम करेगी कि धर्म परिवर्तन के बजाय उन्हें अपने सनातन धर्म में विश्वास और आस्था बनाए रखना चाहिए। पंडित शास्त्री ने इस बारे में एक वीडियो में कहा, “हिंदू धर्म को बचाए बिना हिंदू राष्ट्र की कल्पना नहीं की जा सकती।”
कुंभ पर पंडित शास्त्री की राय:
पंडित शास्त्री ने महाकुंभ में आने वाले लोगों से अनुरोध किया कि वे रील्स बनाने के बजाय अपने धर्म में गहरी आस्था के साथ शामिल हों। उन्होंने बताया कि कुंभ का वास्तविक उद्देश्य आस्था और पूजा है, न कि सोशल मीडिया पर अपनी छवि बनाने के लिए रील्स बनाना। उन्होंने यह भी कहा कि देश में हिंदू राष्ट्र की स्थापना के मुद्दे पर गंभीर विचार-विमर्श होना चाहिए और जो लोग हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं, उन्हें कैसे वापस लाया जाए, इस पर भी चर्चा करनी चाहिए। पंडित शास्त्री ने यह भी कहा, “कुंभ में गंगा में आस्था की डुबकी लगाना उनका उद्देश्य है।”
धर्मांतरण को लेकर पंडित शास्त्री की चिंता:
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मानना है कि धर्मांतरण की घटनाओं ने समाज में असंतुलन उत्पन्न किया है और इसे रोकने के लिए वह लगातार प्रयासरत हैं। बागेश्वर सेना इसी दिशा में काम करते हुए आदिवासियों को अपने धर्म से जोड़ने और धर्म परिवर्तन से बचने के लिए प्रेरित करेगी।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह पहल दिखाती है कि वह अपनी संस्कृति और धर्म की सुरक्षा के लिए समर्पित हैं। उनका उद्देश्य न केवल धर्मांतरण को रोकना है, बल्कि देश में सनातन धर्म के प्रति आस्था को भी मजबूत करना है। उनके इस कदम से यह संभावना बनती है कि समाज में धर्म के प्रति जागरूकता फैलेगी और सनातन धर्म को एक नया बल मिलेगा।