करण अर्जुन की ममता,किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनी,जाने इसके पीछे की वजह

90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई हैं। उन्होंने यह पदवी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान स्वीकार की। ममता ने क्यों संन्यास लेने का फैसला किया है और क्या वह फिर से अभिनय कर पाएंगी? आइए, जानते हैं।
एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने हाल ही में किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर की उपाधी ले ली है और अब उन्हें ममता नंद गिरी के नाम से जाना जाएगा। ममता ने अपने संन्यास लेने के पीछे की वजह भी साझा की है।
एक्ट्रेस ने बताया, “यह सब महाकाल और आदिशक्ति की इच्छा से हुआ। कल मुझे महामंडलेश्वर बनने का अवसर मिला और मैंने एक दिन का वक्त लिया ताकि सोच सकूं कि क्या मुझे इसे स्वीकार करना चाहिए। जब मैंने जाना कि किन्नर अखाड़ा में किसी तरह की रोकटोक नहीं है, और यहां आप स्वतंत्रता से धार्मिक कार्य कर सकते हैं, तब मैंने यह फैसला किया।
अब यह जानना जरूरी है कि क्या ममता कुलकर्णी फिर से acting कर सकेंगी और साध्वी रहते हुए फिल्मों में काम कर पाएंगी। इस सवाल का जवाब उनकी गुरु और किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर ममता चाहें, तो महामंडलेश्वर बनने के बाद भी एक्टिंग कर सकती हैं। हालांकि, उन्हें सिर्फ धार्मिक पात्रों के रोल ही निभाने होंगे। अखाड़े किसी को भी अपनी प्रतिभा दिखाने से नहीं रोकते हैं।

ममता, जो किन्नर अखाड़े के साथ जुड़ी हैं, अब वृंदावन में एक आश्रम में अपनी सेवाएं देने जा रही हैं। साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि वह चाहें तो एक्टिंग के क्षेत्र में भी काम करती रह सकती हैं। इस एक्ट्रेस ने कई फिल्मों में काम किया है, जैसे तिरंगा, वक्त हमारा है, पुलिसवाला गुंडा, आशिक आवारा, दिलबर, क्रांतिवीर, करण अर्जुन, आंदोलन, बाजी, सबसे बड़ा खिलाड़ी, किस्मत, और नसीब।