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आवास मित्र चयन में पारदर्शिता: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन

 

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Sarangarh News:छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत “आवास मित्र” का चयन प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा रही है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जिससे गरीब और निम्न-आय वर्ग के लोगों को बेहतर जीवन यापन के लिए आवास उपलब्ध कराया जा सके। इस योजना के तहत चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों ने कड़े निर्देश दिए हैं।

 

आवास मित्र चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता

सारंगढ़ बिलाईगढ़ के परियोजना निदेशक,  हरिशंकर चौहान ने स्पष्ट किया कि “आवास मित्र” का चयन पूरी तरह से मेरिट आधारित होगा। चयन के लिए प्राप्त आवेदनों में जिनका अंक अधिक होगा, वही पात्र माने जाएंगे। हाल ही में कुछ शिकायतें आई थीं, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि चयन में अनियमितताएं हो रही हैं, लेकिन हरिशंकर चौहान ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि सभी चयन प्रक्रिया के नियमों के अनुसार किए गए हैं।

 

शिकायतों की जांच और निराकरण

कुछ पंचायतों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिसमें यह बताया गया था कि कुछ ऐसे आवेदक जिन्हें चयन सूची में रखा गया था, वे अन्य गांवों से संबंधित थे या उनका वर्तमान में उस पंचायत में निवास नहीं था। परियोजना निदेशक ने कहा कि दस्तावेजों की जांच के बाद ही चयन किया गया और सभी आवेदकों के दस्तावेजों को ठीक से सत्यापित किया गया था। फिर भी, सीईओ जनपद पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि वे इन मामलों की पुनः जांच करें और चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखें।

 

प्रधानमंत्री आवास योजना: योजनाओं का लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत में आवास की सुविधा को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत आवास मित्रों का चयन इस उद्देश्य को लेकर किया जाता है ताकि योजना के क्रियान्वयन में कोई अड़चन न आए और सही लाभार्थियों को लाभ मिल सके। इसके अलावा, इस योजना के तहत चयनित आवास मित्रों की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक हितग्राही को योजना का पूरा लाभ मिल सके और इसके क्रियान्वयन में कोई भ्रष्टाचार न हो।

 

चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयास

अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की किसी भी अनियमितता की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत रिश्वतखोरी की घटनाओं को भी गंभीरता से लिया गया है। यदि किसी हितग्राही से रिश्वत की मांग की जाती है, तो उन्हें जिले के पंचायत कार्यालय में टोल फ्री नंबर या शिकायत के लिए अन्य चैनलों का उपयोग करने का अधिकार दिया गया है।

 

बहरहाल आवास मित्र चयन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान ने इस चयन प्रक्रिया की पुष्टि की है और किसी भी तरह की अनियमितता को नकारा है। यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न जांच प्रणालियां और निगरानी तंत्र लागू किए गए हैं, ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंच सके।

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