शिक्षकों के लिए खुशखबरी! हाईकोर्ट ने चुनावी ड्यूटी पर दिया बड़ा फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला राज्य के सरकारी शिक्षकों को राहत प्रदान करता है, जिन्हें अक्सर चुनावी ड्यूटी के लिए नियुक्त किया जाता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे कार्यों के लिए शिक्षकों को तब तक नहीं लगाया जाना चाहिए जब तक कि अन्य उपलब्ध कर्मचारियों की कमी न हो।
शिक्षक सूर्य प्रताप द्वारा दायर याचिका में यह मुद्दा उठाया गया था कि चुनाव के दौरान शिक्षकों को उनकी प्राथमिक शिक्षण जिम्मेदारियों से हटाकर पोलिंग कार्य में लगाना उनके तथा छात्रों दोनों के लिए अनुचित है। अदालत ने यह भी माना कि शिक्षकों का मुख्य कार्य शिक्षा देना है, और उन्हें इस तरह के कार्यों में तभी शामिल किया जाना चाहिए जब कोई अन्य विकल्प न हो।
इस फैसले का असर न केवल सूर्य प्रताप के मामले पर होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य शिक्षकों के लिए भी एक नजीर पेश करेगा। इससे शिक्षकों को उनका प्राथमिक कार्य बिना बाधा के करने में मदद मिलेगी और बच्चों की शिक्षा पर भी इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।
यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा प्रणाली में शिक्षकों की भूमिका को प्राथमिकता दी जाती है। अदालत के इस फैसले का स्वागत शिक्षकों के विभिन्न संघों द्वारा भी किया जा रहा है, क्योंकि यह उनकी पुरानी मांगों में से एक थी। अब देखने की बात होगी कि इस फैसले को लागू करने में राज्य सरकार क्या कदम उठाती है।