प्रधान आरक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार: एसीबी ने की सख्त कार्रवाई
मामले को नस्तीबद्ध करने के नाम से रिश्वत की मांग
प्रधान आरक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार: एसीबी ने की सख्त कार्रवाई
Durg News। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना स्मृति नगर में तैनात प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को 10,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। यह कार्रवाई बी-फार्मा के एक छात्र की शिकायत पर की गई, जिसने आरोप लगाया था कि उसके विवाद से जुड़े मामले को खत्म करने के बदले आरक्षक ने रिश्वत मांगी थी।
- मामले की शुरुआत कैसे हुई?
शिकायतकर्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसका एक विवाद हुआ था, जिसकी शिकायत थाना स्मृति नगर में लंबित थी। जांच के दौरान प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा ने मामले को नस्तीबद्ध (खत्म) करने के बदले 20,000 रुपये की मांग की। शिकायतकर्ता ने यह राशि देने से इनकार करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो, रायपुर को इसकी सूचना दी।
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- ACB ने ऐसे बिछाया जाल
शिकायत की पुष्टि करने के बाद एसीबी ने प्रधान आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई। बातचीत के बाद आरोपी ने 10,000 रुपये पर समझौता किया। जब प्रधान आरक्षक ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, तो पहले से तैनात एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
- आगे की कार्रवाई जारी
गिरफ्तारी के बाद प्रधान आरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया। एसीबी ने रिश्वत की रकम जब्त कर ली है और आरोपी से पूछताछ कर रही है। इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।
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- भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की अपील
एंटी करप्शन ब्यूरो ने नागरिकों से आग्रह किया है कि अगर कहीं भी भ्रष्टाचार की घटना हो रही हो तो तुरंत इसकी सूचना दें। आपकी सतर्कता और जागरूकता से ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सकती है।
- भ्रष्टाचार पर सख्त संदेश
यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश देती है कि कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है। शिकायतकर्ता की जागरूकता और एसीबी की सक्रियता ने इस रिश्वतखोरी को नाकाम कर एक मिसाल कायम की है।