Sarangarh politics।।सारंगढ़ के दानसरा और नवरंगपुर जनपद क्षेत्र में राजनीतिक हवाएं एक नए मोड़ पर हैं। यह क्षेत्र, जो कभी भाजपा का गढ़ माना जाता था, अब कांग्रेस के लोकप्रिय नेता अरुण मालाकर और उनके परिवार के नाम से जाना जाता है। पिछले 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा बना हुआ है, जबकि भाजपा के दिग्गज नेता लगातार पिछड़ते नजर आ रहे हैं।
दानसरा-नवरंगपुर क्षेत्र, जहां से पूर्व विधायक शमशेर सिंह और भाजपा महामंत्री राम चरण पटेल जैसे नेताओं का दबदबा रहा है, अब कांग्रेस के अरुण मालाकर के नाम से जाना जाता है। अरुण मालाकर, जो जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हैं और “108” के नाम से मशहूर हैं, ने इस क्षेत्र में विकास की नई इबारत लिखी है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 25 वर्षों से उनके परिवार का इस क्षेत्र पर राजनीतिक कब्जा बना हुआ है।
जनपद अध्यक्ष श्रीमती मंजू मालाकर (बीडीसी, नवरंगपुर) और अरुण मालाकर की धर्मपत्नी दानसरा से लगातार निर्विरोध निर्वाचित होती रही हैं। यहां तक कि भाजपा के दिग्गज नेताओं के निवास स्थान होने के बावजूद, इस क्षेत्र से कांग्रेस के जनपद सदस्य लगातार निर्विरोध चुने जाते रहे हैं।
कांग्रेस का विकास मॉडल
अरुण मालाकर ने इस क्षेत्र में विकास की नई मिसाल कायम की है। उनके नेतृत्व में यहां विकास की नदियां बही हैं, और वे हमेशा लोगों के सुख-दुख में साथ खड़े नजर आए हैं। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता का ग्राफ लगातार ऊपर ही जा रहा है।
क्या है भविष्य का समीकरण?
दानसरा-नवरंगपुर क्षेत्र में भाजपा की हालत पतली होती जा रही है, जबकि कांग्रेस का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। क्या भाजपा इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगी, या फिर अरुण मालाकर की लोकप्रियता के आगे उसे झुकना पड़ेगा? यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है।