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बिना इजाजत छुट्टी ली तो नौकरी खतरे में! जानिए शिक्षा विभाग की नई सख्ती

उत्तराखंड में शिक्षा विभाग ने अवकाश के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है, और अब जो भी उपार्जित अवकाश (ईएल), बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) या दीर्घकालिक अवकाश लेना चाहते हैं, उन्हें 15 दिन पहले निदेशालय में आवेदन करना होगा। अगर कोई शिक्षक, कर्मचारी या अधिकारी बिना अनुमति लिए छुट्टी पर जाता है, तो उसकी तनख्वाह रोक दी जाएगी, और जरूरत पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक, डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को यह नई गाइडलाइन दी जा चुकी है, और अब अवकाश लेने का दावा किसी अधिकार की तरह नहीं किया जा सकेगा।

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उत्तराखंड में कुछ समय से देखा जा रहा था कि कई कार्मिक अवकाश मंजूर हुए बगैर ही तैनाती स्थल छोड़ रहे थे। कई अधिकारियों के आवेदन तब आए, जब वो अपनी छुट़्टी काट कर भी आ चुके थे। बताया जाता है कि हर साल करीब 700 से ज्यादा अधिकारी, शिक्षक-कर्मचारी विभिन्न अवकाश पर रहते हैं। इसी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इससे विभाग में अनुशासन बढ़ने की संभावना भी रहेगी।

उत्तराखंड शिक्षा निदेशक ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार छुट्टी को मंजूर या रद्द करने का अधिकार उसी अधिकारी के पास सुरक्षित रहेगा जो छुट्टी स्वीकृत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब कर्मचारी अपनी छुट्टी शुरू होने से पंद्रह दिन पहले निदेशालय को आवेदन देना जरूरी होगा। इसकी मंजूरी मिलने तक न तो अधिकारी छुट्टी पर जा सकते हैं और न ही अपना काम किसी और को सौंप सकते हैं। इस नई व्यवस्था से विभाग में कई सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

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" मै एक अनुभवी न्यूज़ राइटर और पत्रकार हूं, जो पिछले 15/17 वर्षों से हर तरह की खबरें कवर कर रहा हूं। सटीकता, निष्पक्षता, और सरल भाषा में तथ्य प्रस्तुत करना मेरी विशेषता है। मेरी लेखनी का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और समाज की आवाज़ बनना है।"

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