कौन हैं वो नेता जिन पर पार्टी ने गिराई गाज? नाम जानकर चौंक जाएंगे!

CG News:नगरीय निकाय चुनाव का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। मतदान प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियों में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त सदस्यों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे पार्टी अनुशासन को बनाए रखा जा सके।
कांग्रेस पार्टी ने इस दिशा में कदम उठाते हुए पूर्व एल्डरमैन और एक पूर्व पार्षद सहित दो अन्य सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के हितों के विरुद्ध कार्य किया, जिससे कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
इसके विपरीत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने संगठन के अनुशासन को बनाए रखने के लिए जिला कार्यसमिति के एक सदस्य पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के तहत कार्रवाई की है। यह कदम इस दिशा में है कि आने वाले समय में पार्टी सदस्यों के बीच अनुशासनहीनता न व्याप्त होने पाए।
इस तरह की कार्रवाइयों से दोनों ही राजनीतिक दल अपने अनुशासन में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भविष्य में चुनावी कार्यों में कोई आंतरिक विवाद उत्पन्न न हो और पार्टी की एकजुटता बनी रहे।
नगरीय निकाय चुनाव के बाद भाजपा और कांग्रेस पार्टी विरोधी कार्य करने वाले सदस्य व पदाधिकारियाें को राडर में ले रही है। नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी गतिविधियों में शामिल रहने वाले चार लोगों पर कार्रवाई की है। इसमें कांग्रेस के पूर्व एल्डरमैन राजेश शुक्ला, कांग्रेस टीआई सेल के अनुज पटनायक, पूर्व पार्षद लक्ष्मण महिलाने और पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने पर राजू मिश्रा पर कार्रवाई की गई है। कांग्रेस ने इस सभी को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। सूत्रों की माने तो पूर्व एल्डर मैन राजेश शुक्ला द्वारा निकाय चुनाव में कुछ अन्य वार्डों में पार्टी की नियम के विपरीत गतिविधियों में शामिल रहे। इसी तरह की स्थिति आईटी सेल के अनुज पटनायक की रही।
पिछले कुछ समय से राजनीतिक दलों में अनुशासनहीनता की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे दोनों प्रमुख पार्टियाँ – कांग्रेस और भाजपा – चिंतित हैं। कांग्रेस पार्टी ने अपने सदस्यों के अनुशासन को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। लक्ष्मण महिलाने, जो पहले भाजपा से पार्षद रहे और कुछ वर्ष पहले कांग्रेस में शामिल हुए, को पार्टी के विपरीत कार्य करने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया है। यह कदम कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये अनुशासनहीनता नगरीय निकाय चुनावों में उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर रही थी।
इसी के समान, भाजपा ने भी अनुशासनहीन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की है। पार्टी ने जगन्नाथ प्रधान और घरघोड़ा की नेत्री अंकिता चौधरी जैसे सदस्यों पर कार्रवाई की है। इन सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन किया। यह भाजपा की दृष्टि में गंभीर अनुशासनहीनता का मामला है, जिसके बाद जिला पदाधिकारियों की शिकायतों के आधार पर ये कार्यवाही की गई।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि दोनों पार्टियाँ अपने संगठन के भीतर अनुशासन बनाए रखने और एकजुट रहने की कोशिश कर रही हैं। अनुशासन भंग करने वाले सदस्यों के खिलाफ सख्त कदम उठाकर, ये प्रणाली स्थापित करना चाहती हैं कि राजनीतिक दलों की नीतियों और जिम्मेदारियों का पालन न करने वाले सदस्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पार्टी के बाकी सदस्यों के लिए भी एक मजबूत संदेश जाता है कि पार्टी के सिद्धांतों और नीतियों का पालन अनिवार्य है।