पति पर रेप का केस कब दर्ज हो सकता है? हाईकोर्ट के ताजा फैसले से जानिए पूरा कानून!

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय में एक शख्स के खिलाफ उसकी पत्नी द्वारा लगाए गए अननेचुरल सेक्स के आरोप को खारिज कर दिया। न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि पति पर रेप या अप्राकृतिक कृत्य का आरोप केवल तभी लगाया जा सकता है, जब पत्नी नाबालिग हो। इस मामले में, आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया गया है।
इस मामले की पृष्ठभूमि में, महिला ने अपने पति के खिलाफ जबरन अननेचुरल सेक्स करने का आरोप लगाया था, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। महिला का इलाज चल रहा था, लेकिन अफसोसजनक रूप से इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले, उसने अपने बयान को औपचारिक रूप से दर्ज कराया था।
यह प्रकरण समाज और कानून दोनों में गहरी संवेदनशीलता और जटिलताओं को उजागर करता है। इससे यह समझ आता है कि कानून किस तरह से दांपत्य संबंधों में होने वाले विवादों को संज्ञान में लेता है। हालांकि न्यायालय का निर्णय विधिसम्मत है, यह विवादास्पद विषय पर चर्चा को पुनर्जीवित करता है, विशेष रूप से दांपत्य संबंधों के भीतर सहमति के अधिकारों और सीमाओं को लेकर।