महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) योजना में धोखाधड़ी लगातार जारी है। स्थानीय स्तर पर हो रही गड़बड़ियां मनरेगा के राष्ट्रीय मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) की पोल खोल रही हैं। हाल का मामला डूंगरपुर के साबला और सागवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र का है। यहां एक बार फिर गुरुवार को अवकाश दिवस होने के बावजूद श्रमिकों की नियुक्ति दिखा दी गई। जब जिला परिषद को इसकी जानकारी मिली, तो मेट को ब्लैक लिस्ट किया गया और ग्राम विकास अधिकारी तथा कनिष्ठ सहायक से जवाब मांगा गया। ध्यान देने वाली बात है कि योजना में गुरुवार को अवकाश निर्धारित है।
साबला पंचायत समिति के ग्राम पंचायत रीछा में 23 जनवरी गुरुवार को मेट इंदिरा देवी ने श्रमिकों की उपस्थिति एनएमएमएस ऐप के जरिए दर्ज की। यहां मिट्टी अवरोधक बांध के पास कार्य में श्रमिकों को शामिल किया गया। इसी तरह, सागवाड़ा पंचायत समिति की पारदड़ी बड़ी में आंगनवाड़ी भवन के निर्माण में मेट कल्पेश ने श्रमिकों की उपस्थिति दिखाई।
अवकाश दिवस और ऐप के बारे में कई बार जिला परिषद की तरफ से निचले स्तर पर चेतावनी दी गई है। इसके बावजूद, निरीक्षण और अन्य लापरवाहियों के कारण हालात फिर से बिगड़ गए हैं। पहले भी कई पंचायत समितियों में अवकाश दिवस पर काम की स्थिति खराब रही है। जिला परिषद की सख्ती के बावजूद, गड़बड़ी और लापरवाही में कमी नहीं आ रही है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पंचायत समिति के कार्यक्रम अधिकारी ने मेट इंदिरा और कल्पेश को ब्लैक लिस्ट करने का फैसला किया है। साथ ही, ग्राम पंचायत पादरड़ी बड़ी के ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र त्रिवेदी, कनिष्ठ सहायक मनीषा और धूलजी, और रीछा के कनिष्ठ सहायक और ग्राम विकास अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।