Raipur को मिला ED का नया जोनल हेडक्वार्टर, घोटालेबाजों पर कसेंगे शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय(ED )ने अपने मुख्यालय और देश भर के जोनल और सब जोनल ऑफिस के लिए एक नया सेटअप मंजूर किया है और इसी के साथ नई नियुक्तियां भी की गईं हैं। अब रायपुर का सब जोनल ऑफिस एक पूर्णकालिक जोनल ऑफिस में बदल गया है, जिसमें संयुक्त निदेशक की नियुक्ति की गई है। वे अगले सप्ताह अपना कार्यभार संभालेंगे।
ED के स्रोतों के मुताबिक, 2013 बैच के आईआरएस अधिकारी प्रभाकर प्रभात ईडी छत्तीसगढ़ जोन रायपुर के पहले संयुक्त निदेशक बनेंगे। उनकी नियुक्ति कल रात 12 अन्य जेडी के साथ हुई। इसके साथ ही, देश के लिए 7 अतिरिक्त निदेशक की भी नियुक्ति की गई है।
रायपुर के पुजारी पार्क परिसर में स्थित सब जोनल ऑफिस पहले मुंबई जोनल ऑफिस के तहत काम कर रहा था। अब, जब नए जेडी श्री प्रभात अपना कार्यभार लेंगे, यह स्वतंत्र रूप से काम करेगा और सीधे ईडी के मुख्यालय दिल्ली के अधीन होगा। रायपुर में ईडी का दफ्तर लगभग आठ साल पहले खोला गया था और तब से यह मुंबई जोनल ऑफिस के अधीन रहा। छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इसे जोनल मुख्यालय के रूप में प्रमोट किया है। वर्तमान में रायपुर कार्यालय में दो उप निदेशक, सहायक निदेशक, प्रवर्तन अधिकारी और सहायक प्रवर्तन अधिकारियों का स्टाफ काम कर रहा है। अब जोनल ऑफिस बनने से कैडर में भी बढ़ोतरी होगी, और ईडी ने अपने भवन के लिए राज्य सरकार से जमीन भी मांगी है क्योंकि वर्तमान ऑफिस किराए पर है।
रायपुर में सभी केंद्रीय एजेंसियों के दफ्तर खोले जा चुके हैं, जो फाइनेंशियल फ्रॉड, करप्शन और नार्कोटिक्स तस्करी से जुड़े मामलों की जांच कर रहे हैं। इनमें सीबीआई, ईडी और एयर इंटेलिजेंस शामिल हैं। राजस्व सतर्कता निदेशालय का भी इंदौर जोन के अंतर्गत रायपुर में कार्यरत दल मौजूद है।
इस समय रायपुर ईडी कई बड़े घोटालों की जांच कर रहा है, जिसमें 2100 करोड़ का शराब घोटाला, 450 करोड़ का कोल लेवी मनी लॉन्ड्रिंग, कोरबा का डीएमएफ घोटाला, 127 करोड़ का कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि घोटाला और 15 हजार करोड़ का महादेव सट्टा घोटाला शामिल है। ये सभी घोटाले पिछले पांच वर्षों में एक ही कांग्रेस सरकार के दौरान हुए हैं, जिनमें पूर्व मंत्री, विधायक, तीन आईएएस अधिकारी, आईटीएस, और पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। कुल मिलाकर, 80 से अधिक कारोबारी और उनके सहयोगी जेल में हैं।