Sarangarh News:तेंदुए की करंट से मौत के बाद वन विभाग की सफाई में घिरे अधिकारी, गिरफ्तारियां और सवालों का जाल!
वन विभाग द्वारा तेंदुए की मृत्यु के मामले में प्रारंभिक रूप से शिकारियों की संलिप्तता को अस्वीकार करते हुए इसे सामान्य और प्राकृतिक मौत के रूप में प्रस्तुत किया गया था। तथापि, यह जानकारी अब सामने आ रही है कि तेंदुए की मृत्यु का कारण ग्रामीणों द्वारा बिछाए गए करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आना था। इस प्रकरण में तीन ग्रामीणों की गिरफ्तारी की जा रही है, जिसके लिए उनसे पूछताछ की जा रही है। एक सप्ताह पूर्व, वन परिक्षेत्र बरमकेला के लेंध्रा सामान्य सर्किल के अंतर्गत पैंकिन जंगल में तेंदुए की संदिग्ध मृत्यु की घटना घटित हुई थी। प्रारंभ में, वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की मृत्यु को सामान्य और प्राकृतिक बताने का प्रयास किया, किंतु अब तीन ग्रामीणों को तेंदुए के शिकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इससे तेंदुए की मृत्यु के असली कारण स्पष्ट होने लगे हैं, जिससे वन विभाग के पूर्व के दावों की विश्वसनीयता को चुनौती मिल रही है।
यह उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी को लेंध्रा सामान्य सर्किल के पैंकिन जंगल, कक्ष क्र. 1101 में एक तेंदुए का शव प्राप्त हुआ था। घटना के पांच दिन बाद जब मामला उजागर हुआ, तब वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की मृत्यु के सच्चाई को छिपाने का प्रयास किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेंदुए की मृत्यु को बिजली करंट के कारण न बताते हुए इसे प्राकृतिक मौत के रूप में प्रस्तुत किया और तेंदुए के अंगों का नमूना लेकर उसे फारेंसिक जांच के लिए देहरादून की लैब में भेजने की बात की। अब इस तेंदुए की मृत्यु के मामले में तीन ग्रामीणों को जिम्मेदार मानकर गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक ग्रामीण, जिसकी पहचान ग्राम धनीगांव से की गई है, को बुधवार शाम को उसके गाँव से उठाया गया, और दो अन्य के साथ गुरुवार दोपहर को पूछताछ की जा रही है। इस संदर्भ में नामों के खुलासे का आश्वासन शुक्रवार को दिया गया है। तेंदुए की मृत्यु को प्रारंभ में छिपाने के पश्चात अब बिजली तार बिछाने के आरोप में कार्रवाई की जा रही है, जिसके चलते अन्य ग्रामीणों की गिरफ्तारी की संभावना भी बढ़ गई है। इस स्थिति में वन विभाग के दावों की विश्वसनीयता में कमी आ रही है तथा लापरवाही को छिपाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस घटनाक्रम के संबंध में, दो दिन पूर्व रेंजर सेवक राम बैगा अपनी टीम के साथ पैंकिन जंगल क्षेत्र में पहुंचकर साक्ष्य एकत्रित करने में लगे थे। इसके साथ ही, अज्ञात शिकारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए मुखबिरों का जाल बिछाया गया था। तथापि, रेंजर बैगा ने तेंदुए की मृत्यु को बिजली करंट से होने की संभावना का खंडन करते हुए कहा कि तेंदुए के शव में किसी प्रकार के निशान नहीं पाए गए थे। इस परिस्थिति में, अब तेंदुए की मृत्यु को करंट से होने के आधार पर कार्रवाई किए जाने से अनेक प्रश्न उत्पन्न होते हैं, जिनमें यह प्रमुख है कि क्यों तेंदुए की मृत्यु को रहस्य में रखा गया।
इसके अतिरिक्त, जब तेंदुए की मृत्यु का मामला उजागर हुआ, तो विभाग के उच्च अधिकारियों ने पैंकिन बीट के बीटगार्ड, मनमोहन बरिहा को निलंबित करते हुए अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया। जबकि लेंध्रा सर्किल, झिंकीपाली सर्किल सहित अन्य क्षेत्रों के बीटगार्ड और डिप्टी रेंजर मुख्यालय पर उपस्थित नहीं थे। तेंदुए की मृत्यु के संदर्भ में केवल एक बीटगार्ड पर कार्रवाई करना अपर्याप्त समझा जा रहा है।