अगर महिला ने संबंध बनाने पर सहमति दी है फिर भी यह नहीं करना है जान लें: हाईकोर्ट का कड़ा बयान
दिल्ली हाईकोर्ट ने महिलाओं के शारीरिक संबंधों पर कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। कोर्ट ने बताया कि अगर कोई महिला संबंध बनाने की अनुमति देती है, तो भी उसके निजी क्षणों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। एक मामले में, एक विवाहित महिला ने एक व्यक्ति पर आरोप लगाया कि उसने उसका वीडियो दिखाकर उसे ब्लैकमेल किया और उससे जबरन संबंध बनाए। सुनवाई के दौरान, जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने आरोपी को जमानत देने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही महिला ने संबंध बनाने की अनुमति दी हो, लेकिन उसके निजी क्षणों का अनुचित इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
महिला ने बताया कि आरोपी ने उसे एक कोर्स में एडमिशन के लिए पैसे दिए थे, और उसने वादा किया था कि काम मिलने के बाद वह उसे वापस कर देगी। FIR के मुताबिक, आरोपी ने उसके साथ ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी और उसके साथ संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। उसने जो कहा, वह सब उसने किया। आरोपी ने दो दिनों तक उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए, यह कहते हुए कि वह उसके नग्न वीडियो को लोगों के सामने लाने की धमकी देगा।
महिला, जो शिकायत कर रही हैं, ने यह भी कहा कि आरोपी ने उसके गांव के लोगों को एक वीडियो भेजा, जिससे उसने बदनामी झेली। बाद में, उस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी डाल दिया गया।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि महिला की सहमति को उसके असामान्य वीडियो को रिकॉर्ड करने और इसे सोशल मीडिया पर साझा करने की अनुमति के रूप में नहीं लिया जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शारीरिक संबंधों के लिए सहमति किसी के व्यक्तिगत पलों के गलत इस्तेमाल या उनका अपमानजनक तरीके से प्रदर्शन करने का अधिकार नहीं देती।