तमिलनाडु में बेमिसाल सफलता: हर साल 10 लाख ‘मेड इन इंडिया’ लैपटॉप होंगे तैयार, जानिए कैसे!
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में एक नई उपलब्धि के रूप में, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल चेन्नई में सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी की नई लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन किया।
यह नई सुविधा मद्रास निर्यात प्रोसेसिंग जोन (MEPZ) में स्थित है और यह भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मोबाइल फोन से लेकर आईटी हार्डवेयर, खासकर लैपटॉप निर्माण में विस्तार कर रही है।
नई असेंबली लाइन शुरू में सालाना 100,000 लैपटॉप बनाने की योजना है, जो अगले 1-2 वर्षों में 10 लाख तक बढ़ जाएगी। सिरमा एसजीएस वर्तमान में चेन्नई में चार विनिर्माण इकाइयाँ चला रहा है, जिसमें से एक में अब लैपटॉप का उत्पादन शुरू हो चुका है।
उद्घाटन के दौरान, श्री वैष्णव ने कहा, “हमें प्रयास करना होगा कि इलेक्ट्रॉनिक घटकों का इको-सिस्टम भी विकसित हो, इससे न केवल हमारे देश में तरक्की होगी, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों के अनुरूप भी होगा, जिससे हमारे वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में स्थिति मजबूत होगी।”
यह पहल आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना का हिस्सा है, जो भारत की आईटी हार्डवेयर निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है।
नई असेंबली लाइन की विशेषताएँ
सिरमा एसजीएस ने भारत में उच्च गुणवत्ता वाले लैपटॉप बनाने के लिए ताइवान की कंपनी माइक्रो-स्टार इंटरनेशनल (MSI) के साथ साझेदारी की है, जिससे यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की जरूरतें पूरी कर सके।
इससे वित्त वर्ष 26 तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 150-200 नई नौकरियों की उम्मीद है, जो तमिलनाडु और भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
इससे बनने वाले लैपटॉप अंतरराष्ट्रीय मानक पूरे करेंगे और भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाएंगे।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र में पिछले एक दशक में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसमें कुल उत्पादन 2014 में 2.4 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 9.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। मोबाइल निर्माण अकेले 4.4 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुँच गया है, और भारत में उपयोग किए जाने वाले 98 प्रतिशत मोबाइल फोन अब यहाँ निर्मित होते हैं।
तमिलनाडु का योगदान
तमिलनाडु में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की योजनाओं के तहत 47 से अधिक विनिर्माण इकाइयाँ हैं। यह राज्य उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना (PLI) का प्रमुख लाभार्थी है, जिसमें पीएलआई 2.0 के अंतर्गत स्वीकृत 27 इकाइयों में से 7 यहीं हैं।
इसके अलावा, तमिलनाडु को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और अर्धचालकों के विनिर्माण को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों से भी सहायता मिली है, जिससे स्थानीय कंपनियों ने अब तक 1.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन किया है।
यह राज्य श्रीपेरंबदूर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का भी घर है, जो निवेश और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
लैपटॉप विनिर्माण का उज्ज्वल भविष्य
सिरमा एसजीएस की लैपटॉप असेंबली लाइन का उद्घाटन भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाता है, जिससे आयात में कमी आएगी, रोजगार के मौके बढ़ेंगे, और गुणवत्ता में सुधार होगा।
जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा, भारत आईटी हार्डवेयर निर्माण में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए तैयार है।
आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 की धारणा
29 मई, 2023 को शुरू हुई आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना का उद्देश्य योग्य कंपनियों को 5 प्रतिशत इंसेंटिव देना है, जिससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं को और मजबूती मिले।
इसमें लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल उपकरण शामिल हैं। इसके तहत 3,000 करोड़ रुपये के निवेश से 3.5 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 47,000 नई नौकरियों की उम्मीद है।
इस योजना ने अब तक 520 करोड़ रुपये के निवेश और 10,000 करोड़ रुपये के उत्पादन के साथ प्रगति की है, और यह दिसम्बर, 2024 तक 3,900 नौकरियों का सृजन करने की ओर बढ़ रही है।