Jashpur Murder Mystery:सिलफिरी डेम में मिली लाश, दोस्तों की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश
मनोरा पुलिस की तेज कार्रवाई, हत्या के तीनों आरोपी सलाखों के पीछे
Jashpur Murder Mystery News:पिछले दिनों सिलफिरी डेम में मिली अज्ञात की शव मामले में जशपुर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है जिसमें तीन आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है ।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर 2024 को कोटवार प्रेम प्रकाश राम, पुत्र बंधु राम, द्वारा सूचना दी गई कि ग्राम काटाबेल स्थित सिलफरी डेम में एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा है, जिससे बदबू आ रही थी।
इस सूचना के आधार पर मनोरा पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और डेम का पानी निकलवाने के बाद शव का बारीकी से अवलोकन किया। पुलिस ने पाया कि शव के गले और कमर में गमछा के समान रस्सी बांधकर उसे पानी में डुबोया गया था। इस पर मनोरा पुलिस ने मर्ग कायम किया और शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद प्रथम दृष्टया हत्या का मामला प्रतीत हुआ।
पुलिस ने आस-पास के गांवों से जानकारी एकत्र की, जिससे पता चला कि शव का मालिक चूडरु, उर्फ अनमोल, पुत्र चैतराम, उम्र 21 वर्ष, निवासी तिलटांगर चौकी मनोरा है। जशपुर पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए मुखबिरी का जाल बिछाया। इसी प्रक्रिया के दौरान एक मुखबिर से जानकारी मिली कि मृतक के शव के गले में जो गमछा मिला है, वह कलिंदर, उम्र 27 वर्ष, से संबंधित है।
जांच के दौरान यह पाया गया कि मृतक कुछ दिन पहले ग्राम तिलटांगर चौकी मनोरा के कलिंदर, महेंद्र और धरमू के साथ देखा गया था। मनोरा पुलिस ने इन तीनों को हिरासत में लिया और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की, जिसमें आरोपियों ने सच उगल दिया। उन्होंने बताया कि वे सभी निवासी तिलटांगर चौकी मनोरा हैं और मृतक, चूडरु उर्फ अनमोल, पिता चैतराम, उम्र 21 वर्ष, जो हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए थे, के साथ 2 दिसंबर 2024 को मुर्गा खाने के बहाने मनोरा जा रहे थे।
रास्ते में, उन्होंने एक साथ बैठकर शराब भी पी। इसी दौरान, किसी पुरानी बात को लेकर मृतक और आरोपियों के बीच विवाद हुआ। जिसके परिणामस्वरूप, कलिंदर और महेंद्र के साथ-साथ धरमू ने मिलकर मृतक का गला गमछे से घोंट दिया और उसे सराई लकड़ी के डंडे से मारकर हत्या कर दी। इसके बाद, उन तीनों ने मिलकर सबूत नष्ट करने के उद्देश्य से शव के गले और कमर में गमछा बांधकर उसे ग्राम कटाबेल के सिलफिरी डेम में फेंक दिया।
पुलिस अधीक्षक, शशि मोहन सिंह (भा. पु. से) के निर्देशों और मार्गदर्शन में, चौकी मनोरा में आरोपी कलिंदर (24 वर्ष), महिंदर (23 वर्ष) और धरमू (24 वर्ष) के खिलाफ अपराध क्रमांक 183/24, भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) और 238 के तहत मामला दर्ज किया गया है, और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले के खुलासे और आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी जशपुर, चंद्र शेखर परमा, सहायक उप निरीक्षक जय सिंह मिर्रे, और आरक्षक प्रदीप किंडो एवं भीखराम भगत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पुलिस अधीक्षक, शशि मोहन सिंह (भा. पु. से) ने इस बात पर जोर दिया कि अंधे हत्या के मामले को सुलझाने में मुखबिर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को हिरासत में लिया है। प्रकरण को सुलझाने में शामिल सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नगद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।