Damoh News।फलों और सब्जियों में कीटनाशकों का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है, और इससे लोगों को पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो रही हैं। चिंता की बात ये है कि सरकारी लैब में जांच की सुविधा नहीं है। सैंपल भोपाल की एक निजी लैब में भेजे जा रहे हैं। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने तय किया है कि हर जिले में एक किट उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे मौके पर ही कीटनाशकों की मात्रा का पता लगाया जा सकेगा। अगर कीटनाशकों का स्तर मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, तो सैंपल को भोपाल भेजा जाएगा, और वहां पुष्टि के बाद संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह व्यवस्था सागर, दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों में शुरू की जाएगी, और अगले महीने तक किटें उपलब्ध हो जाएंगी।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग महीने में दो से तीन बार मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से खाद्य पदार्थों की जांच कर रहा है। फिलहाल, फलों और सब्जियों में रंगों की मिलावट की जांच की जा रही है। हालांकि, मौके पर कीटनाशकों की जांच करने की सुविधा पहले नहीं थी।
पिछले साल कीटनाशकों की मिलावट के मामले में एक राष्ट्रीय सर्वे किया गया था। इस दौरान जिले के विभिन्न स्थानों से फलों और सब्जियों के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए भोपाल भेजा गया। राहत की बात ये रही कि किसी भी सैंपल में कीटनाशक मानक से ज्यादा नहीं पाया गया।
इस जांच के लिए केमिस्टों को ट्रेनिंग दी गई है। बताया गया है कि मोबाइल लैब के जरिए ये केमिस्ट फल और सब्जियों की जांच करेंगे, और इसमें लगभग 4 घंटे का समय लगेगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिले में सब्जियों की खेप नागपुर, जबलपुर, और भोपाल की मंडियों से आती है, और जबलपुर मंडी से सबसे अधिक फलों और सब्जियों की आवक हो रही है। कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल की आशंका के चलते सरकार ने मौके पर जांच के लिए किटें उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।