Chhattisgarh

चक्रवाती तूफान फेंजल:बंगाल की खाड़ी से छत्तीसगढ़ तक—क्या आपके शहर में भी होगा ठंड और बारिश का कहर?

फेंजल तूफान का प्रभाव: सर्दी, बारिश और कोहरे का खतरनाक संगम"

Wheather News:”चक्रवाती तूफान फेंजल के प्रभाव से छत्तीसगढ़ में हल्की से मध्य बारिश और ठंड में बढ़ोतरी का अनुमान है। अंबिकापुर, दुर्ग, रायपुर और पेंड्रारोड जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। जानें मौसम विभाग की भविष्यवाणी, नमी का प्रभाव, आंशिक मेघमय आकाश और कोहरे के कारण जनजीवन पर असर।”

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चक्रवाती तूफान फेंजल: मौसम पर प्रभाव

चक्रवाती तूफान फेंजल दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय है और इसके पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान के प्रभाव से छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में 30 नवंबर से हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राज्य के कुछ हिस्सों में कोहरे और आंशिक मेघमय आकाश की संभावना भी जताई गई है। फेंजल के कारण नमी का प्रवेश बढ़ रहा है, जिससे ठंड में वृद्धि हो सकती है। राजधानी रायपुर में 30 नवंबर को न्यूनतम तापमान 17°C और अधिकतम 29°C रहने का अनुमान है।

 दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी: मौसम का बदलता स्वरूप

दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी मौसमी गतिविधियों का केंद्र है। वर्तमान में यह क्षेत्र चक्रवाती तूफान फेंजल की सक्रियता के कारण चर्चा में है। खाड़ी का गर्म पानी तूफानों के विकास के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। यह क्षेत्र मानसून और चक्रवात दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात के कारण आसपास के राज्यों में बारिश और ठंड में बदलाव हो सकता है। बंगाल की खाड़ी का यह हिस्सा न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए मौसमी गतिविधियों का संकेतक है।

 

हल्की से मध्यम वर्षा का प्रभाव

हल्की से मध्यम वर्षा कृषि और पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। वर्तमान में चक्रवात फेंजल के कारण छत्तीसगढ़ समेत अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यह बारिश मिट्टी की नमी बढ़ाकर फसलों की पैदावार में मदद कर सकती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ाने में भी सहायक होगी। हालांकि, लगातार बारिश के कारण ठंड बढ़ने की संभावना रहती है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की बारिश जलवायु परिवर्तन के कारण अधिक सामान्य हो रही है।

 छत्तीसगढ़ में बारिश का पूर्वानुमान

छत्तीसगढ़ में बारिश का मौसम सामान्यतः मानसून के समय होता है, लेकिन चक्रवाती प्रभाव से अन्य समय भी बारिश देखी जाती है। 30 नवंबर से राज्य में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। बारिश से नमी बढ़ेगी और ठंड का प्रभाव अधिक महसूस होगा। कोहरे और आंशिक बादल मौसम को ठंडा बनाए रखेंगे। यह बारिश फसलों और पर्यावरण के लिए लाभकारी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का यह रुझान आगामी दिनों में ठंड को और बढ़ा सकता है।

 न्यूनतम तापमान: ठंड का मापक

न्यूनतम तापमान किसी क्षेत्र की रात की ठंड का प्रमुख मापक है। हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अंबिकापुर में 7.2°C और दुर्ग में 12°C तापमान रहा, जो सामान्य से कम है। न्यूनतम तापमान में गिरावट ठंड के बढ़ने का संकेत है, जिससे लोगों को गर्म कपड़े पहनने की आवश्यकता होती है। कोहरा और बादलों की उपस्थिति तापमान में और गिरावट ला सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह गिरावट चक्रवाती प्रभाव के कारण हो सकती है।

 

 मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग प्राकृतिक आपदाओं और मौसमी बदलावों का सटीक पूर्वानुमान प्रदान करता है। हाल ही में, मौसम विभाग ने चक्रवात फेंजल के प्रभाव से छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में बारिश और ठंड बढ़ने की संभावना जताई है। विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात से नमी का प्रवाह बढ़ेगा और कोहरा छा सकता है। मौसम विभाग की ये जानकारी किसानों, प्रशासन और आम लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है, जिससे वे समय पर तैयारी कर सकें।

 

 नमी का प्रवेश और मौसमी बदलाव

चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के कारण वातावरण में नमी का प्रवेश होता है। छत्तीसगढ़ में चक्रवाती तूफान फेंजल के प्रभाव से नमी का स्तर बढ़ा है, जिससे बादल और कोहरा छा सकता है। नमी की अधिकता बारिश की संभावना को बढ़ाती है और ठंड में इजाफा करती है। यह बदलाव किसानों और फसलों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, नमी बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, जैसे सर्दी और जुकाम, भी बढ़ सकती हैं।

 

आंशिक मेघमय आकाश का प्रभाव

आंशिक मेघमय आकाश ठंड के मौसम में सामान्य दृश्य है। यह स्थिति चक्रवात और नमी के प्रभाव से उत्पन्न होती है। आकाश में बादलों की उपस्थिति दिन के तापमान को नियंत्रित करती है और रात को ठंड बढ़ा देती है। छत्तीसगढ़ में चक्रवात फेंजल के कारण ऐसा मौसम देखा जा रहा है। यह स्थिति फसलों के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन ठंड के कारण आम जीवन प्रभावित होता है।

सुबह का कोहरा: सर्दियों की पहचान

सुबह का कोहरा सर्दियों के मौसम का सामान्य दृश्य है। यह आमतौर पर नमी और ठंड के मेल से बनता है। छत्तीसगढ़ में चक्रवाती प्रभाव के कारण कोहरे की संभावना बढ़ गई है। कोहरे के कारण दृश्यता कम होती है, जिससे यातायात पर असर पड़ता है। साथ ही, यह स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि चक्रवात और नमी का मेल कोहरे की तीव्रता बढ़ा सकता है।

 

 अंबिकापुर तापमान में गिरावट

अंबिकापुर में न्यूनतम तापमान 7.2°C दर्ज किया गया, जो सर्दियों की शुरुआत का संकेत है। यह तापमान छत्तीसगढ़ में सबसे कम है और सामान्य से नीचे है। तापमान में गिरावट का कारण चक्रवात फेंजल से उत्पन्न नमी और साफ आकाश हो सकता है। इस ठंड के कारण किसानों को फसलों की देखभाल पर ध्यान देना होगा। साथ ही, लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतनी चाहिए।

 माना एयरपोर्ट का तापमान

रायपुर के माना एयरपोर्ट पर 13.9°C न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो ठंड के बढ़ने का संकेत है। यह तापमान सामान्य से कम है और चक्रवाती गतिविधियों के कारण नमी में बढ़ोतरी इसका कारण हो सकती है। माना एयरपोर्ट के पास का क्षेत्र ठंड के दिनों में अक्सर कोहरे और ठंडे वातावरण से प्रभावित रहता है।

 दुर्ग न्यूनतम तापमान में गिरावट

दुर्ग में 12°C न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.6°C कम है। यह गिरावट चक्रवाती प्रभाव और ठंडी हवाओं के कारण हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस ठंड का असर आगामी दिनों में और गहरा सकता है।

रायपुर का तापमान: ठंड और मौसम का मिजाज

रायपुर में न्यूनतम तापमान 14.6°C और अधिकतम 29.6°C दर्ज किया गया। चक्रवात फेंजल के प्रभाव से तापमान में गिरावट और नमी में वृद्धि हो रही है। इस ठंड से जनजीवन प्रभावित हो सकता है, खासकर सुबह के समय।

अधिकतम तापमान का प्रभाव

अधिकतम तापमान दिन के समय की गर्मी को मापता है। रायपुर में अधिकतम तापमान 29.6°C दर्ज किया गया, जो सामान्य है। हालांकि, चक्रवात और नमी के कारण तापमान में गिरावट हो सकती है।

 पेंड्रारोड का तापमान

पेंड्रारोड में न्यूनतम तापमान 9.4°C दर्ज किया गया। ठंड और नमी के कारण यहां तापमान में गिरावट आई है। यह क्षेत्र सर्दियों में अक्सर कम तापमान और कोहरे का सामना करता है।

 

 

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