डोलोमाइट माइनिंग का गुप्त खेल: कटंगपाली और महुआपाली में कैसे हो रही है खनिजों की लूट?
डोलोमाइट माइनिंग का गुप्त खेल: कटंगपाली और महुआपाली में कैसे हो रही है खनिजों की लूट?
डोलोमाइट खनन का पर्दाफाश::छत्तीसगढ़ के कटंगपाली और महुआपाली में डोलोमाइट खनन को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यहां अवैध खनन और खनिज संपदा की लूट का ऐसा गुप्त खेल चल रहा है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि पर्यावरण और आर्थिक संसाधनों पर भी भारी दबाव डाला है।
डोलोमाइट: एक अनमोल खनिज
डोलोमाइट खनिज औद्योगिक क्षेत्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसका उपयोग सीमेंट, स्टील, कांच, और अन्य निर्माण सामग्रियों में किया जाता है। कटंगपाली क्षेत्र में इसकी प्रचुरता इसे माइनिंग माफिया के लिए सोने की खदान बना देती है।
खनिज लूट का खेल कैसे चल रहा है?
- कटंगपाली,महुआपाली में अवैध खनन का यह खेल निम्नलिखित तरीकों से संचालित होता है:
1. नियमों की अनदेखी: खनन के लिए लाइसेंस और पर्यावरणीय मंजूरी के बिना खनिजों का दोहन किया जा रहा है।
2. अतिक्रमण: खनन क्षेत्रों की सीमा का उल्लंघन कर अधिक से अधिक क्षेत्र में खनन किया जा रहा है।
3. माफिया का दबदबा: खनन माफिया प्रशासन और स्थानीय राजनीतिक संरक्षण के सहारे इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं।
सरकारी खजाने को नुकसान
- इस अवैध खनन से सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया जा रहा।
खनिजों का अवैध परिवहन और बिक्री हो रही है।
क्षेत्रीय विकास के लिए निर्धारित फंड का उपयोग नहीं हो रहा।
पर्यावरणीय प्रभाव
- अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है:
1. वनों का विनाश: डोलोमाइट खनन के लिए पेड़ों की कटाई हो रही है।
2. मिट्टी का कटाव: खनन प्रक्रिया से मिट्टी का कटाव बढ़ गया है।
3. जल स्रोतों पर असर: भूजल स्तर गिर रहा है और जल स्रोत दूषित हो रहे हैं।
4. प्रदूषण: खनन से उत्पन्न धूल और कचरे से स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों की समस्या
कटंगपाली,महुआपाली क्षेत्र के ग्रामीण इस अवैध खनन से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उनकी खेती योग्य भूमि नष्ट हो रही है, जल संकट गहराता जा रहा है, और खनन माफिया के डर से वे अपनी आवाज उठाने में असमर्थ हैं।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
- सरकार और स्थानीय प्रशासन पर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
- शिकायतों के बावजूद कार्रवाई में देरी हो रही है।
- राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है।
समाधान की दिशा में कदम
इस समस्या के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. डिजिटल निगरानी: ड्रोन और सैटेलाइट के माध्यम से खनन क्षेत्रों की निगरानी।
2. कठोर दंड: अवैध खनन में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई।
3. स्थानीय भागीदारी: खनिज संपदा के संरक्षण में स्थानीय निवासियों को शामिल करना।
4. पारदर्शिता: खनन लाइसेंस और रॉयल्टी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।
बहरहाल कटंगपाली और महुआपाली में डोलोमाइट खनन का यह गुप्त खेल केवल आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि पर्यावरण और समाज पर भी बड़ा आघात है। अब समय आ गया है कि प्रशासन इस लूट पर रोक लगाए और खनिज संपदा को संरक्षित करे।