Child Marriage Free India: स्कूली बच्चों ने ली शपथ
बिलासपुर Bilaspur: देशभर में बाल विवाह मुक्त भारत( Child Marriage Free India) अभियान का आज शुभारंभ हुआ। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने दिल्ली के विज्ञान भवन से इस अभियान की शुरुआत की।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अभियान के तहत विभिन्न स्कूलों में बाल विवाह रोकने और जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में कन्या शाला नूतन चौक और शासकीय स्कूल राजेंद्रनगर जैसे शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया। बच्चों और शिक्षकों ने बाल विवाह के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहने और इसे रोकने में सक्रिय भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता जताई।
जागरूकता और भागीदारी बढ़ाने पर जोर
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण इकाई, यूनिसेफ जिला सलाहकार रूमाना खान, और सी3 संस्था के प्रतिनिधि महेश झरखर ने बाल विवाह के सामाजिक, मानसिक, और शारीरिक दुष्परिणामों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल बच्चों के विकास में बाधा डालता है, बल्कि यह उनके भविष्य के अवसरों को भी सीमित करता है।
सामाजिक जागरूकता से बदलाव संभव:
अभियान के दौरान उपस्थित विशेषज्ञों ने बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि सामाजिक सहभागिता और शिक्षा के माध्यम से इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।
- राष्ट्रीय अभियान के उद्देश्य
- बाल विवाह की कुप्रथा को समाप्त करना।
- बच्चों को शिक्षा और बेहतर भविष्य के अवसर प्रदान करना।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता फैलाना।
बाल विवाह मुक्त भारत ( Child Marriage Free India)अभियान का उद्देश्य एक ऐसी सामाजिक संरचना तैयार करना है, जहां हर बच्चा अपनी पूरी क्षमता से विकास कर सके। इस दिशा में सभी स्तरों पर सहभागिता को प्राथमिकता दी जा रही है।