Chhattisgarh

किसानों को 3217 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान की मांग: कांग्रेस नेता ने सौंपा ज्ञापन

राजनांदगांव, 22 नवंबर – छत्तीसगढ़ में किसानों की समस्याओं को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई गई है। जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मदन साहू ने मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने किसानों को एकमुश्त 3217 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान करने की मांग की है। साथ ही, सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है।

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मदन साहू का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन वादे पूरे नहीं किए गए। ज्ञापन में किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और उनकी परेशानियों का समाधान करने के लिए कई सुझाव भी दिए गए हैं।

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ज्ञापन की मुख्य मांगें

 

1. एकमुश्त 3217 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान:

ज्ञापन में यह मांग की गई है कि समर्थन मूल्य के तहत 3100 रुपये के साथ केंद्र द्वारा घोषित 117 रुपये की अतिरिक्त राशि जोड़कर एकमुश्त भुगतान किया जाए।

2. ऑनलाइन टोकन प्रक्रिया में सुधार:

किसानों को धान बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन लेना पड़ता है, लेकिन इस प्रक्रिया में उन्हें भारी दिक्कतें हो रही हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि किसानों को ऑफलाइन टोकन की सुविधा भी दी जाए।

 

3. कर्मचारियों की नियुक्ति:

ऑनलाइन प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सहकारी समितियों में तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती की जाए।

 

4. पारदर्शिता:

सभी सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य और भुगतान प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए, ताकि किसानों को भ्रम की स्थिति न हो।

 

वर्तमान भुगतान व्यवस्था से किसानों में नाराजगी

 

केंद्र सरकार ने धान के समर्थन मूल्य के तहत 2300 और 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की है। हालांकि, राज्य सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।

 

किसानों का कहना है कि चुनावों के दौरान किए गए वादे केवल वोट हासिल करने के लिए थे। अब, सरकार हमारी  समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

 

मदन साहू ने कहा:

 

“किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने की घोषणा के बावजूद, उन्हें 2300 और 2320 रुपये में उलझाया जा रहा है। यह किसानों के साथ किया गया एक बड़ा धोखा है।”

 

 

ऑनलाइन प्रक्रिया में समस्याएं

 

धान बेचने के लिए ऑनलाइन टोकन लेना अनिवार्य किया गया है। लेकिन यह प्रक्रिया इतनी जटिल और समय लेने वाली है कि कई किसान इसमें फंस जाते हैं।

इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के कारण ग्रामीण इलाकों में किसान टोकन लेने में असमर्थ हैं।

समितियों में कर्मचारियों की कमी के कारण लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है।

ज्ञापन में यह मांग की गई है कि ऑफलाइन टोकन का विकल्प दिया जाए और समितियों में कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए, ताकि यह प्रक्रिया सुचारू हो सके।

 

एकमुश्त भुगतान क्यों जरूरी है?

 

एकमुश्त भुगतान देने के कई फायदे हैं:

 

1. वित्तीय स्थिरता:

किसान उनकी फसल का पूरा पैसा समय पर मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इससे वे अगली फसल की तैयारी आसानी से कर सकेंगे।

 

2. कर्ज का भार कम होगा:

कई किसान अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेते हैं। समय पर और एकमुश्त भुगतान से उन्हें कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी।

 

3. भरोसे की बहाली:

सरकार अगर चुनावी वादों को पूरा करती है, तो इससे किसानों के बीच उसका भरोसा बढ़ेगा।

 

4. कृषि में सुधार:

आर्थिक स्थिरता से किसान नई तकनीकों और संसाधनों का उपयोग करके अपनी कृषि उपज को बढ़ा सकेंगे।

 

केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल

 

कांग्रेस नेता मदन साहू ने ज्ञापन में केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना की है। उनका कहना है कि दोनों सरकारें किसानों के मुद्दों पर गंभीरता से काम नहीं कर रही हैं।

 

तालमेल की कमी:

केंद्र सरकार ने 117 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की थी। अगर इसे राज्य सरकार के 3100 रुपये के वादे के साथ जोड़ा जाए, तो किसानों को 3217 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान होना चाहिए। लेकिन दोनों सरकारों के बीच तालमेल की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।

 

किसान विरोधी नीतियां:

 

साहू ने कहा कि अगर सरकारें वास्तव में किसान हितैषी होतीं, तो यह मुद्दा अब तक सुलझ चुका होता।

 

 

कांग्रेस का आंदोलन की चेतावनी

 

मदन साहू ने चेतावनी दी है कि अगर किसान भाइयों की मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों के लिए कांग्रेस हमेशा लड़ती रहेगी।

ज्ञापन सौंपने के दौरान गौतम वर्मा (मीडिया प्रभारी), पुरुषोत्तम साहू, गिरधारी साहू, लाल बहादुर नगर, जयचंद ठाकुर, ओमप्रकाश साहू, चुम्मन साहू और संतोष ठाकुर जैसे कई नेता मौजूद थे।

 

सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?

 

किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

 

1. समर्थन मूल्य में पारदर्शिता:

समर्थन मूल्य और भुगतान की पूरी प्रक्रिया को सार्वजनिक किया जाए।

 

2. ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रियाओं में संतुलन:

किसानों को ऑफलाइन टोकन का विकल्प दिया जाए, ताकि वे बिना परेशानी के अपनी फसल बेच सकें।

 

3. वादा पूरा करना:

चुनावी वादों को पूरा करना सरकार की जिम्मेदारी है। किसानों को 3217 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए।

 

4. समितियों में कर्मचारियों की नियुक्ति:

समितियों में पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती की जाए, ताकि किसानों को लंबा इंतजार न करना पड़े।

 

बहरहाल किसानों की 3217 रुपये प्रति क्विंटल भुगतान की मांग उनके आर्थिक अधिकार और सम्मान से जुड़ी हुई है। सरकार को इस मांग को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द इसे लागू करना चाहिए।

 

किसानों को समय पर और एकमुश्त भुगतान मिलने से न केवल उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी नई ऊर्जा मिलेगी।

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